मैं हैरान हूँ इस बात से कि अरबों की जनसंख्या में लाखों हजारों के बीच से गुजरते हुए कोई सैकड़ों तक आता है अन्त में एक व्यक्ति ही नम्बर वन पर कैसे रह जाता है। क्या मूल्यांकन परीक्षण अवलोकन मापन करने वाले एक ही व्यक्ति थे ? अगर नहीं तो फिर कोई एक ही व्यक्ति नम्बर वन पर कैसे हो जाता है ? इस असंभव को कौन, क्यूँ ,कैसे, किसलिए संभव बनाते हैं ? आखिर इस पर सवाल क्यूँ नहीं उठाया जाएगा कि देश भर में कोई एक टॉपर कैसे हो जाएगा ? हो सकता है इस बार का टॉपर हल चलाता होगा हो सकता है जो दसवां नम्बर पर था वही प्रथम नम्बर पर आ सकता था ? परीक्षक से कोई गलती हो गई जिसके कारण कोई दसवां नम्बर पर चले गए , कोई पहले नम्बर पर आ गये , ये भी तो हो सकता है ! अब, इस पर सवाल उठाया जाएगा देश के भविष्य को बचाया जाएगा! , ©ck bable मैं हैरान हूँ कि कब सवाल उठाया जाएगा