जब मर्ज़ की दबा लेने दवा खाने पोछा तो मर्ज़ बहुत ख़ुश हुआ उसको लगा की गुलज़ारे मोहब्बत का आइना देख लिया हो उसने दवा का आ सर रद्दी भर नहि हुआ मर्ज़ तसल्ली देता रहा मैं लेता रहा परिणाम कुछ नहीं आया कल वहाँ पड़ा था आज यहाँ पड़ा हूँ