घुटन रिश्तों की तड़प क्यू है फिजा में क्यू प्यासा है जवां तेरी ही जमीं पर। खुशियों का तू समंदर बना दे बादल प्यार के बरस जा ए आसमा भर दे रूहे सुकून से। मत जकड़ना उन्हें जंजीर ए अरमा रूहे बन के पंछी छू ले खुशियों के वतन को। #रूहानियत