वक्त के साथ चलना भी जरूरी है, कुछ हसरते लिखना भी जरूरी है। बचपन से शौक था कविता पढ़ने का, उलझनों से निकल कर किताबें लिखना भी जरूरी है।। वक्त के साथ चलना भी जरूरी है, कुछ हसरते लिखना भी जरूरी है। बचपन से शौक था कविता पढ़ने का, उलझनों से निकल कर किताबें लिखना भी जरूरी है।। #इंस्टाशायरी #इंस्टाराइटर्स #instapoetry #हकीम खान #वक्त_वक्त_की_बात #हिंदी_कविता #हिंदी_उर्दू