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अच्छा सुनो, गर मैं कभी अमृता हुई तो मेरे प्रीतम न

अच्छा सुनो, 
गर मैं कभी अमृता हुई तो
मेरे प्रीतम न बनना तुम
न ही ख्वाहिश है मुझे
किसी साहिर के मिलने की
गर साथ निभाना चाहते हो एक लम्बी उम्र का 
 तो मेरे लिए इमरोज सा धैर्य बन जाना तुम

©शिवानी आशा शर्मा
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