जो नचाये तमाम उम्र वो मदारी भी यहाँ ! नाचते पेट की खातिर वो लाचारी भी यहाँ ! नज़र आता नहीं डमरू औ मदारी हमको ! चंद सिक्कें हैं, मजमा व खिलाड़ी भी यहाँ ! ©आभा "नंदा" #madari #laachari #sikke