इक रोज़ मन उखाड़ा गया और रख दिया गया घर के चबूतरे पर रखे रखे सूखते मन को बादल की एक टुकड़ी से बरसी बारिशों ने भिगो दिया मन में कोपलें जगीं और मन बाजरे में बदल गया उस सुबह कुछ गौरैया आईं और मन को चुग गईं अब मन आकाश में उड़ता है उजड़े हुए लोग सदा बरबाद नहीं होते बस कुछ नए रास्तों की खोज में उड़ जाते हैं ©Swarima Tewari #lost #nojoto #nojotohindi #kalakash