रह रह कर दिल मे; ना जाने उठती ये कैसी उक़ूबत हैं हाँ यही शायद यही तेरी महोब्बत हैं ... _आवारा शायर ✍ (KumarMausam) उक़ूबत by #KaviKumarMausam #KumarMausam #AwaraShayar *उक़ूबत = दर्द/पीड़ा