हुक्के का कश भरकर खुद को नशे से शराबोर करते हो।। गर जो नजरें सवालिया हों तो सिरे से इन्कार करते हो।। पर नशा हो भी तो क्या हैरत।। यकीं है हमें आपकी कारीगरी पर।। जब गवाह हो ये चश्म तो कैसे एतबार हो आपके लफ़्ज़ों पर।। PC:- Pinterest #yqdidi #yqbhaijan #poetry #life #yqbaba #hindipoetry