मकान हो गये; दोबारा अपने बचपन को गोद में लेने के सिर्फ अरमान रह गये, चैन की लुका-छिपी फिर से खेल न सके हम; धरती पर ज्यादा सूकून था ये न समझ कर सुने आसमान हो गये...... घर अब घर नहीं रहे। #घरनहींरहे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi