तुम पवित्रता,जो सिमित कर ली हो उसे बयां करो,तुम्हें सम्मान मिलेगा हीन भावना होती है,प्रिय एक तुम हो जो मेरे भागीदारी में उपमाएँ जोड़ती हो मेरे प्रेम को नये आयामों से प्रत्यक्ष करती हो मुझमें लोकगीत भरती हो मेरा सत्य होती हो हे प्रिय,'ब्रह्म ज्ञान का मार्ग' तक धक्का दे दो! सर्द मौसम के कुछ गर्म एहसास! 💕💕💕💕💕💕💕💕💕 #cinemagraph #yqdidi #yqhindi #yqquotes दृगों से बह रहा है नेह राग अधरों पर सजाती हूँ स्मितपराग हो रहा क्यूँ मन मानस अधीर मृदु नवल स्वप्न धरते नहीं धीर क्यूँ प्राणों को उलझाते हो