White #तुम_बिन_मैं_कुछ_नहीं तुम वो शब्द नहीं हो जिन्हें मैं पन्नों पर उतार देता हूँ तुम तो वो अनकही दास्तां हो जिसे मैं कभी लफ्ज़ ही नहीं दे पाता सोचता हूँ शायरी में प्रेम लिखना कितना आसान है पर वही जज़्बात तुम्हारे सामने आते ही हकलाने से क्यों लगते हैं तुम्हें मेरी शायरी पसंद हैं और मुझ उनकी पंक्तियों में तुम्हें पिरोना पर जब बात इन्हें तुम तक पहुँचाने की होती है जाने क्यों होंठ थरथराने और कलम लड़खड़ाने से लगते हैं आज भी बड़ी हिम्मत कर के आया हूं सारे पन्नों को समेट कर जिसमें सिर्फ तुम हो तुम्हारी वो गरम शाल भी मुझे किसी लाल जोड़े से कम नहीं लगती वो तुम्हारी हँसी आँसूओं के कुछ बूंद लो लाजिमी है नखरीली सी अदायें लिपटे थे उन कागजों में तुम्हारे वो विचार भी जिनसे तुम ये दुनिया बदलने की चाह रखती हो कैद हैं उनमें वो लम्हें भी जिनमें तुम जीवन को हर हाल में खुशनुमा कहती हो हर हर्फ़ हर जज़्ब हर लम्हा हर सदी तुम्हारा होने के बावजूद तुमको पूरा पूरा कहाँ कभी मैं लिख पाता हूँ सुना देता हूँ प्रेम की कहानियाँ अक्सर बस तुमसे इश्क है कहाँ कह पाता हूँ सोचता हूँ ,प्रेम लिखना कितना आसान है बस एक तुम्हें ही नहीं लिख पाता हूँ ©Andy Mann #Sad_Status Santosh Narwar Aligarh