चलना है मुझे उस पर , क्यू डरू तुफान से मैं के चलना हैं मुझे हर मुश्कील पार कर, तुफान से डर जाऊँ ए मै नहीं हूँ लाख तुफान आन से भी कोई रोक नहीं सकता पहुँचना मेरे मंजिल के किनारे पर । _ संध्याराणी दास सुप्रभात। जीवन रूपी नदी में सब अपनी अपनी नावों में सवार हैं और अकेले ही हैं। #नावअकेली #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi