रब के सिवा किसी से मेरा अब*राब्ता नहीं,यहा हर रिश्ता मतलबी है कोई अपना नहीं//१*लगाव
जो लोग करते थे मेरी चुगलिया,मैं जब*रूबरू हुई उनसे तो लोगो कही उनका पता नही//२
*सम्मुख
*इत्तेफाकन पहले वो हमउम्र*बेवास्ता मिला,और अब*बेसाख्ता बोल दिया,जा तुझसे मेरा कोई वास्ता नहीं//३
*अचानक*बेमकसद*स्वाभाविक
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