मिटते सौहार्द को बचाने के लिए सिमटते नेह को बचाने के लिए बिजली के चकाचौंध में खो रहे दीये की वो ज्योति जो कराती है अभ्यास स्वयं जल दूर करना अंधकार ! : तड़पती आत्माओं की व्यथा जो चढ़ गई भेंट हवश हैवानियत पे अट्टहास करते झूठे कानून और अंधेर नगरी हो रहा मेरा देश चौपट होती सभ्यता लुप्त होते संस्कार ! :😢 वो जो आप हमेशा लिखना चाहते थे! #लिखनाचाहा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi....😢😢😢 मेरी चीखें दब जातीं है इस फूहड़ भाँडो के भण्डापे में हाथ क़लम लेने से इनकार कर चाहते है तलवार उठाना मैं ठिठक रह जाता हूँ