जल ही जीवन है,बचपन से सुना था। जब बारिश में कागज़की नाव बहाते थे, जब घंटो बारिश में पूरी मंडली नाचती थी। कभी ये ना सोचा था कि इसी बारिश से डरेगा कही ,कोई। बारिश का आना सावन का शगुन था , आजकल आपदा का बिगुल है। क्या हम पहले जैसे नही या कुदरत? कौन बदला ,कौन नही ,ये कभी सोचा नही। सोचा जो होता तो ये शायद कभी होता नही। street shopaholic #Nature #poem #kavishala #nojo #nojatohindi #Hindi #Nojoto #flood