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दिल के अरमानों को फ़रयाद करता हूँ आँखों में आँसू है

 दिल के अरमानों को फ़रयाद करता हूँ
आँखों में आँसू हैं तो क्या हुआ,
इंसानियत को याद करता हुँ। 

होंठ बंद हैं, तो क्या हुआ,
उन पर ठहरे मुस्कानों को याद करता हूँ। 
धड़कते दिलों को थामकर ,
नयी सुबह को याद करता हूँ।।
 दिल के अरमानों को फ़रयाद करता हूँ
आँखों में आँसू हैं तो क्या हुआ,
इंसानियत को याद करता हुँ। 

होंठ बंद हैं, तो क्या हुआ,
उन पर ठहरे मुस्कानों को याद करता हूँ। 
धड़कते दिलों को थामकर ,
नयी सुबह को याद करता हूँ।।