स्वयं से स्वयं की पहचान बनाओ, क़लम से थोड़ा जी कर दिखाओ। दर्द के साथ लिख दूँ मैं ख़ुशी भी, ऐसा ही कुछ सोच, लिख जाओ। ज़माना तो खड़ा है ठूँठ बन कर, थोड़ा बढ़ कर उसे भी दिखाओ। उलझे न बेकार की रंजिश में भी, कुछ तो उम्मीद का हाथ बँटाओ। स्वयं से स्वयं की पहचान कराओ, गिर-संभल सही, ख़ुद को पाओ।। Rest Zone आज का शब्द 'पहचान' #rzmph #rzmph193 #पहचान #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi