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बेदर्द ये रातें और हिज्र के मौसम खुद पर खामोशी से

बेदर्द ये रातें और हिज्र के मौसम
खुद पर खामोशी से मनाते हैं मातम

दिल में उठा अभी आंसू के तूफां
नजरों के रहगुजर में आया है सावन

बस्ती में कहीं पर निशां नहीं तेरा
हम ढूंढ़ रहे हैं कबसे तेरा आंगन

जो पल गुजारे हमने तेरी याद में
हर पल मिला है तेरे दर्द का दामन #सावन_आया_झूम_के #nojoto
बेदर्द ये रातें और हिज्र के मौसम
खुद पर खामोशी से मनाते हैं मातम

दिल में उठा अभी आंसू के तूफां
नजरों के रहगुजर में आया है सावन

बस्ती में कहीं पर निशां नहीं तेरा
हम ढूंढ़ रहे हैं कबसे तेरा आंगन

जो पल गुजारे हमने तेरी याद में
हर पल मिला है तेरे दर्द का दामन #सावन_आया_झूम_के #nojoto