वो कहती थी, तेरे साथ रहूंगी तेरे हर कदम पे तेरे साथ चलूंगी तू चाहे कर ना कर, मै तो तुझसे बात करूंगी हां मगर कभी कभी तुझसे गुस्सा भी रहूंगी पर तुझको हर बात कहूँगी गलती पे तेरे कां भी मरोरुंगी, पर तु इतना याद रख, तेरा साथ कभी ना छोरुंगी अब उसकी चाहतो का आलम्ं बदल सा रहा था वादों का पथ्हर मानो पिघल सा रहा था अब थे ढेर बहाने, और वो बदल रही मिजाज थी बात बस इतनी-सी थी, उसे दूर जाना था तो किसी वजह की तलास थीं मैने तो तुझे दिल से चाहा , ये मेरि दीवानगी थी तुझे भी मैने मुझसा माना, ये मेरि नादानगी थी मैने तो तेरी ओर अपने कदमो की पहचान लिखी थी तेरे संग बस तेरे संग अपनी मुस्कान लिखीं थी वही तो थी जो मेरे सब्से पास थी तुम ही बताओ मै उसे कैदे यकिन दिलाऊँ, की वो मेरे लिए कित्नी खास थी बात बस इत्नी सि थी, उसे दूर जाना था, तो किसी वजह की तलाश थी ©MD Shahadat by #mdshahadat #onesidedlove #Bewafa_Ishq #dard_e_mohabbat #kavita #poem #ishq #findyourself