आख़िर आज तोड़ा पिजंरा और चिड़िया उड़ गई और ऐसे ही कलम चल गई.. तो चल गई दोनों का स्वभाव एक सा कौन बेड़ियों मे जकड़ सका..! एक मनमौजी बसाये नया बसेरा आज यहाँ तो कल कहीं और सवेरा..! कलम की ऐसी धार करे हर बुराई पर वार..! शब्दों के आईने से समाज को दिखाए चेहरा जो देख के भी अंधा जो बना बैठा गूंगा और बहरा..! चिड़िया के उड़ जाने के पीछे की कहानी सबकी अपनी-अपनी है। एक अफ़साना लिखें- और चिड़िया उड़ गई #चिड़ियाउड़गई #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #similarity #freedom #life #writer