मेरी यादों में है भोरण तू, बता तुझे कैसे भूल जाऊं। बचपन खेला मेरा जिन गलियों में, मेरी इन आंखों में तेरे ख्वाब सजाऊं। याद रहे तू , जहां भी में रहूं, तुझे हो दर्द तो में तड़फ जाऊं। बैठा था तेरे जिन दरख्तोऺ के नीचे फिर बैठ कर छांव में कभी सुस्ताऊं। पला बढ़ा हूं जिस गांव में *हरि* मिले बचपन फिर, वहीं गुजारना चाहूं। #Hariom Meena Mera ganv