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तेरे बदन की आँच में मैं नूर-ए-आफ़ताब बन गई इश्क की

तेरे बदन की आँच में मैं नूर-ए-आफ़ताब बन गई
इश्क की रूहानी साँझ में मैं बर्ग-ए-गुलाब बन गई। ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
तेरे बदन की आँच में मैं नूर-ए-आफ़ताब बन गई
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