Nojoto: Largest Storytelling Platform

हम सब अपनी कविताओं में मर रहे हैं जीवन का स्वप्न ध

हम सब अपनी कविताओं में मर रहे हैं
जीवन का स्वप्न धुंधला पड़ रहा है
पाश को याद करते हुए सोचता हूं कि
आखिर सबसे खतरनाक क्या है...
हर किए धरे पर उग आने वाली घास
या वो भीड़ जिसका कोई चेहरा नहीं

फिर मार्टिन नीलोमर याद आते हैं
और टूटती है जुल्म के खिलाफ घुप्प चुप्पी
आसमान में गूंजता है अनल हक का नारा
हबीब जालिब भी बोल पड़ते हैं
चरागार दर्दमंदों के बनते हो क्यों
तुम नहीं चारागर कोई माने मगर 
मैं नहीं मानता मैं नहीं जानता...

©ABRAR
  #writer 
#WorldPoetryDay 
#World_Poetry_Day 
 poetic hush
nojotouser4612473085

ABRAR

Silver Star
Growing Creator