मिट्टी में है जन्म लिया और मिट्टी में मिल जायेंगे। तूने है हमको बड़ा किया इस कर्ज को कैसे चुकाएंगे। ममता तेरी अनमोल है यूं,प्यार कहां ये पाएंगे। इस जन्म में कर्ज ये कैसे चुकाएंगे। गलत जो देखे है कोई नाक चने चबवाएंगे। ललकारेंगे लड़ जायेंगे बरछी तलवार चलाएंगे। इतिहास नया रच जायेंगे,दुश्मन को नक्शे से मिटाएंगे। मेरी मां है तू,तेरे लिए हसते हसते मार जायेंगे,मिट जायेंगे। पुण्य का मौके दे तू मुझे, कतरा कतरा तेरे लिए अर्पित कर जायेंगे। मिट्टी में जन्म लिया इस कर्ज को कैसे चुकाएंगे।। एक कोशिश मातृभूमि के नाम कुछ शब्दो मे।।