उजालों में गम बहुत है अंधेरों में खुशियां ढूंडने आया हूं दिए है जख्म जो अपनों ने उनपे मरहम लगाने आया हूं ए मेरी कलम अब तू भी रूठ मत जाना मुझसे बस तेरे सहारे ही अब जीवन बिताने आया हूं उजालों में गम बहुत है अंधेरों में खुशियां ढूंडने आया हूं #nojoto best hindi poiet #nojoto best #Khushi lakhesher shayri