तुझे देखने को ये मुंतजिर आँखें, अब तो थक जाएं, यही अच्छा है। तेरे शहर में बने मेरे कदमों के निशां, अब तो मिट जाएं, यही अच्छा है। #eyes #muntazir #shayari #collab