एक चेहरे पे कई चेहरे लगाए घूमते है लोग यहां, कोई अपने गम को छुपाकर मुस्कुराता है, तो कोई यहां भोला बन कर दूसरों के दिलों से खेल जाता है, कोई पहचाने भी तो कैसे भला इन्हे, ये बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और ही है बस यही नजर आता है ©Shweta P chehre logo ke