तुम गिरधर गोपाल, तुम मुरलीधर नंदलाल, सम्पूर्ण सृष्टि के तुम ही हो पालनहार, तुम्हारी बंसी की मोहक तान, और अधरों पर सुन्दर मुस्कान , खींच सबको तुम्हारी ओर , जैसे कोई प्रेम की डोर। कण कण में तुम ही तुम हो, हर मन में तुम ही तुम हो, हिरदय तुम्हारे गान गाए, कैसे मेरा मन बताए। हर जिहवा पर तुम्हारा नाम, तुम हमारे कृष्ण घनश्याम। राधा की धड़कन में तुम, मीरा की तडपन में तुम, मेरे भी मन में तुम, समय के हर क्षण में तुम। अनेकों नाम है तुम्हारे, हर किसी पर मोहिनी डारे, तुम्हारा साथ जिसे मिल जाए, हर कष्ट उसके समक्ष शीश झुकाए। जय श्रीकृष्णा #Janamashtmi2020