Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुक्तक टूटे दर्पण को वापस जोड़ना आसां नहीं होता

मुक्तक 
टूटे दर्पण को वापस जोड़ना आसां नहीं होता 
भँवर अपनी तरफ़ यूँ मोड़ना आसां नहीं होता 
हमें मालूम है माहिर हैं वो दिल की तिजारत में 
पर किसी टूटे हुए को तोड़ना आसां नहीं होता
मुक्तक 
टूटे दर्पण को वापस जोड़ना आसां नहीं होता 
भँवर अपनी तरफ़ यूँ मोड़ना आसां नहीं होता 
हमें मालूम है माहिर हैं वो दिल की तिजारत में 
पर किसी टूटे हुए को तोड़ना आसां नहीं होता