बड़ा ख़ूबसूरत है पल बड़ी ख़ूबसूरत ये कहानी है हो सके तो कुछ देर संग मेरे तुम चलो छूट जाता है साथ रह जाती बस निशानी है कभी ढूंढ़ लेना तुम यादों में अपनी आईना नया है शक्लें पुरानी हैं मिल जाऊँ अगर तो इश्क बचा है ना मिलूं तो समझो ख़त्म कहानी है कोई ग़म नहीं कोई समझे न समझे अगर तुम भी न समझो तो ये बेमानी हैं दिल को है तेरी चाहत का भरोसा जिस्म से परे ये रिश्ता रूहानी है तेरे जिक्र ने बढ़ाया है मुश्किलों को मेरी अपनी हदों को न समझूं तो मेरी ये नादानी है इश्क में भी तेरे अजब सी कशिश है समझो तो शराब है ना समझो तो पानी है... Abhishek Trehan #खूबसूरत #पल #कहानी #साथ #yqdidi #शायरी #कविता #ज़िदंगी