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दोहा:– मन:4 मन का स्वामी चन्द्रमा, सदा  बदलता रूप

दोहा:– मन:4

मन का स्वामी चन्द्रमा, सदा  बदलता रूप।
कभी विखेरे चाँदनी, कभी तिमिर का कूप।४।

©दिनेश कुशभुवनपुरी
  #दोहा_मन #4