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green-leaves **लिफ़ाफे में कविता** लिफ़ाफे में

green-leaves **लिफ़ाफे में कविता**  

लिफ़ाफे में बंद थे, कुछ शब्दों के मोती,  
हर अक्षर में छिपा था, भावना का जोती।  
सादा सा कागज, स्याही की लकीरें,  
लेकिन इनमें बसी थीं, अनगिनत तस्वीरें।  

हर हरफ़ में छुपा था, दिल का एक हिस्सा,  
जैसे किसी ने लिखा हो, अपना पूरा किस्सा।  
गुज़रे हुए पल, अनकही बातें,  
आंसुओं की धार, और मुस्कान की रातें।  

लिफ़ाफे ने सहा था, दूरी का दर्द,  
फिर भी संभाले रखे, हर शब्द के मर्म।  
खुला तो छलक पड़ी, यादों की बगिया,  
एक चिट्ठी में बस गया, पूरा एक जहां।  

कविता नहीं, यह तो दिल का दरिया है,  
लिफ़ाफा नहीं, यह भावना का जहाज़ है।  
हर बार जब पढ़ो, ये नया सा लगे,  
लिफ़ाफे में कविता, दिल के करीब जगे।

©Writer Mamta Ambedkar #GreenLeaves  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स
green-leaves **लिफ़ाफे में कविता**  

लिफ़ाफे में बंद थे, कुछ शब्दों के मोती,  
हर अक्षर में छिपा था, भावना का जोती।  
सादा सा कागज, स्याही की लकीरें,  
लेकिन इनमें बसी थीं, अनगिनत तस्वीरें।  

हर हरफ़ में छुपा था, दिल का एक हिस्सा,  
जैसे किसी ने लिखा हो, अपना पूरा किस्सा।  
गुज़रे हुए पल, अनकही बातें,  
आंसुओं की धार, और मुस्कान की रातें।  

लिफ़ाफे ने सहा था, दूरी का दर्द,  
फिर भी संभाले रखे, हर शब्द के मर्म।  
खुला तो छलक पड़ी, यादों की बगिया,  
एक चिट्ठी में बस गया, पूरा एक जहां।  

कविता नहीं, यह तो दिल का दरिया है,  
लिफ़ाफा नहीं, यह भावना का जहाज़ है।  
हर बार जब पढ़ो, ये नया सा लगे,  
लिफ़ाफे में कविता, दिल के करीब जगे।

©Writer Mamta Ambedkar #GreenLeaves  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स