आंखों में सपने लिए ,खून में ज्वाला निकल पड़े हम पैदल उस पर्वतमाला हुए फेल पर पैरों में छाले पड़ गए , आप कहते है हमने किया है मुंह काला । फेल हम हुए तो क्या बुरा हुआ , अभी शीतल नहीं पड़ा दहकता लावा जो बदल दे लकीरें अपने हाथों की , उसी को तो कहते है हिम्मतवाला ।। - शिवम चंद्रा #junun don't change your goal ,change your attitude to take about your attitude . #newplace