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चेहरे पर बिखरे बाल खुदको दर्पन पे देखती ना जानें

चेहरे पर बिखरे बाल 
खुदको दर्पन पे देखती
ना जानें 
कौनसी बात याद करके मुस्कुरा ज़ाती हैं 
अभी बाल सवारे हैं तो 
इक काली बिन्दी अपने माथे पर लगा ली 
ना जानें फ़िर क्यूँ, आसु बहनें लगे 
औऱ फ़िर 
बिखरे बाल, आँखों से बेहता काजल 
औऱ
वही खामोश मन का सन्नाटा

©बदनाम
  सन्नाटा

सन्नाटा #Thoughts

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