तुम साथ बैठ कर तो देखो, हम दुख दर्द की किताब खोलेंगे कुछ तुम बताना अपनी चाहत, कुछ हम अपने राज़ खोलेंगे सूरज की किरणों की तरह , हम अपनी बात बोलेंगे जो मीठी लगे तुम हर याद ,वो याद दिल में घोलेंगे । B+-388