तेरी ये ख़ामोश आँखें लब भी हैं ख़ामोश अंदर इतना शोर और इनमें दर्द इतना क्यों है ख़ामोश आँखें बयांँ करती दिल की दास्तांँ कोई नहीं बताता इससे निकलने का रास्ता तेरी ये ख़ामोश आँखें कहती बहुत कुछ हैं मेरे दिल को भी दर्द और चुभन देती बहुत हैं पलकों पर तस्वीर लिए अपने महबूब का तरसती बरसती रहीं वो उनकी ख़ामोश आँखें कहना चाहा बहुत कुछ अपने दिल की दास्तांँ पर ख़ामोश रहीं उनकी आँखें चुप रहना ही बेहतर समझा ♥️ Challenge-770 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।