क्यों, आयेगा भाई साहब, आपमें रखा ही क्या है। जब था, तब तो आता था न, फिर जान बूझकर नासमझ क्यों बनते हो, वापिस स्थापित करो, और वापिस सबकुछ पाओ, और जिन्दगी का आनंद उठाओ। किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है: इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थे और अब कोई कहीं, कोई कहीं रहता है अब त्योहार नीरस होते जा रहे हैं। त्योहारों का सारा मज़ा मिलने-जुलने में है मगर अब यह मूल भावना ग़ायब होती जा रही है। #कोईमिलनेनहींआता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi