जाके खोज लाओ जो मेरे बचपन के सपने आते थे जो बिना रिस्तो के भाते थे बिछडने पर जो अपनाते थे जाके खोज लाओ उनको जो पराये में अपने पाते थे बचपन भी पराया था जो बचपना का साया था जब मैं था अनजाने का तो वो भी मुझ पर आया था खोज लाओ उनको जिनको मैं भाया था कहाँ गये होंगे बचपन