और फिर से सवेरे के इंतज़ार में रात हो गई जलाए थे मैंने जहाँ दिए अपने वो तो ज़मीन ही राख हो गई लोगो को रहता है इंतज़ार उनके ख्वाबों का मैंने तो हकीकत से हाथ मिलाए थे ख्वाब सुन कर तो वो बाग बाग हो गई #tuesdaymotivation #Nojotohindi #diary_aur_kalam