ये सफर अभी कहां तन्हा होना था कोई तो अपना , अभी साथ होना था है चुभती खामोशियों के खामोशियां खामोशियों में कोई तो अल्फ़ाज़ होना था मसला अगर बंटवारे का ही था हमारे बीच मुसलसल इक दीवार होना था कमबख्त सहर का ताज चढ़ गया सर उसके जिसने इस सहर का गुलाम होना था #yqquotes #yqbaba #yqhindi #yqdidihindipoetry #yqthoughts #pk_pankaj