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तेरा हौसला कमाल था, तेरी जुर्रत भी कमाल थी ! समझ

तेरा हौसला कमाल था, तेरी जुर्रत भी कमाल थी ! 
समझ न पाए हम अब तक,तू खुद ही एक सवाल थी

क्या लिखूँगा तुझपे मैं, मेरे कलम में इतना ज़ोर नहीं
हाँ, मगर यह याद रहे, मेरे हौसले कमजोर नहीं ! 

अंग्रेजों के खैमः में तेरे नाम से लरज़ह तारी था ! 
हर सिम्त तुम को हराने की, साज़िश रचना जारी था

तुम कहाँ डरने वाली थी, दुशमनों की साज़िश से
तुम निडर ही आगे बढ़ती रही, खुदा की नवाज़िश से

फख्र है इस बात पे कि तू  देश की शाबाशी थी
तुम एक नारी होकर, इक मुजाहिद-ए-आज़ादी थी

उपनाम भी तूने सच में,क्या खूब ही पाया था  ! 
प्यार से तुम को लोगों ने, रानी कह के पुकारा था

मर कर भी अमर हो तुम, शहर शहर तेरा नाम है! 
इस नाचीज़ "रिफ्अत" की तरफ से तुम को सलाम है

©Abdullah Rifat प्रीतिलता वादेदार (बांग्ला : প্রীতিলতা ওয়াদ্দেদার) (5 मई 1911 – 23 सितम्बर 1932) भारतीय स्वतंत्रता संगाम की महान क्रान्तिकारिणी थीं। वे एक मेधावी छात्रा तथा निर्भीक लेखिका भी थी। वे निडर होकर लेख लिखती थी । मैं ऊपर की कुछ पंक्तियाँ नारी दिवस के अवसर पर इंहीं को समर्पित करता हूँ!  

#womensday2021 #happywomensDay
तेरा हौसला कमाल था, तेरी जुर्रत भी कमाल थी ! 
समझ न पाए हम अब तक,तू खुद ही एक सवाल थी

क्या लिखूँगा तुझपे मैं, मेरे कलम में इतना ज़ोर नहीं
हाँ, मगर यह याद रहे, मेरे हौसले कमजोर नहीं ! 

अंग्रेजों के खैमः में तेरे नाम से लरज़ह तारी था ! 
हर सिम्त तुम को हराने की, साज़िश रचना जारी था

तुम कहाँ डरने वाली थी, दुशमनों की साज़िश से
तुम निडर ही आगे बढ़ती रही, खुदा की नवाज़िश से

फख्र है इस बात पे कि तू  देश की शाबाशी थी
तुम एक नारी होकर, इक मुजाहिद-ए-आज़ादी थी

उपनाम भी तूने सच में,क्या खूब ही पाया था  ! 
प्यार से तुम को लोगों ने, रानी कह के पुकारा था

मर कर भी अमर हो तुम, शहर शहर तेरा नाम है! 
इस नाचीज़ "रिफ्अत" की तरफ से तुम को सलाम है

©Abdullah Rifat प्रीतिलता वादेदार (बांग्ला : প্রীতিলতা ওয়াদ্দেদার) (5 मई 1911 – 23 सितम्बर 1932) भारतीय स्वतंत्रता संगाम की महान क्रान्तिकारिणी थीं। वे एक मेधावी छात्रा तथा निर्भीक लेखिका भी थी। वे निडर होकर लेख लिखती थी । मैं ऊपर की कुछ पंक्तियाँ नारी दिवस के अवसर पर इंहीं को समर्पित करता हूँ!  

#womensday2021 #happywomensDay
nojotouser8654052821

Mr Stranger

New Creator

प्रीतिलता वादेदार (बांग्ला : প্রীতিলতা ওয়াদ্দেদার) (5 मई 1911 – 23 सितम्बर 1932) भारतीय स्वतंत्रता संगाम की महान क्रान्तिकारिणी थीं। वे एक मेधावी छात्रा तथा निर्भीक लेखिका भी थी। वे निडर होकर लेख लिखती थी । मैं ऊपर की कुछ पंक्तियाँ नारी दिवस के अवसर पर इंहीं को समर्पित करता हूँ! #womensday2021 #happywomensDay #نظم