शाम ढ़ले हर पंछी को घर जाना पड़ता है, कौन ख़ुशी से मरता है, मर जाना पड़ता है... अब ना मैं हूँ ना बाक़ी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे... ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था, मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था... ऐ खुदा उनको राहत मिले, हम सबकी बेपनाह चाहत मिले... दूर गये हैं अब इस जहां से, दुआ है की अब उन्हें जन्नत मिले... #अलविदा_राहत_इंदौरी 😢😢😢 #अलविदा_राहत_इंदौरी 😢😢😢 #Life #philosophy #Motivation #Love #Relationship #story #Nojoto #nojotohindi #RIPRahatIndori sheetal pandya मेरे शब्द Suman Zaniyan