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जहन से निकलकर कागज पर रह गए मेरे किस्से मेरी जुबा

जहन से निकलकर कागज पर रह गए
मेरे किस्से मेरी जुबां पर ही रह गए

मैं किससे कहता अपनी खामोशी
आवाजो के बाजार में हम गूंगे ही रह गए

मैंने जाया न किया वक्त को
वो बीच मे ही मुड़ गए हम चलते रह गए

पता नहीं किस गली में है ठिकाना उनका
वो बुलाके भूल गए हम ढूंढते ही रह गए

ये कैसा इंतजार रहा है मेरा
मंजिले बुलाती रही हम रास्ते देखते रह गए

©Sourabh Kumar #nojohindi 
#sks1711997 #series1711997 
#Nojoto 
#Hindi 
#hindiquotes 
#Quote 

#writing
जहन से निकलकर कागज पर रह गए
मेरे किस्से मेरी जुबां पर ही रह गए

मैं किससे कहता अपनी खामोशी
आवाजो के बाजार में हम गूंगे ही रह गए

मैंने जाया न किया वक्त को
वो बीच मे ही मुड़ गए हम चलते रह गए

पता नहीं किस गली में है ठिकाना उनका
वो बुलाके भूल गए हम ढूंढते ही रह गए

ये कैसा इंतजार रहा है मेरा
मंजिले बुलाती रही हम रास्ते देखते रह गए

©Sourabh Kumar #nojohindi 
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