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फिर क्यारी की फूल जल गई, क्या अब भी दीप जलाओगे, ब

 फिर क्यारी की फूल जल गई, क्या अब भी दीप जलाओगे,
बोलो केसव कैसे तुम उस बहन की लाज बचाओगे ।

दुष्ट कौरवो का पापी; वशं मिटाकर माना था,
द्रौपदी के ताने सुन जब पाण्डवो ने ठाना था।

कहाँ छुपे हो केशव, किस अर्जुन को अब समझाओगे,
घर घर घुसता दुशासन, किस किस की लाज बचाओगे।
 फिर क्यारी की फूल जल गई, क्या अब भी दीप जलाओगे,
बोलो केसव कैसे तुम उस बहन की लाज बचाओगे ।

दुष्ट कौरवो का पापी; वशं मिटाकर माना था,
द्रौपदी के ताने सुन जब पाण्डवो ने ठाना था।

कहाँ छुपे हो केशव, किस अर्जुन को अब समझाओगे,
घर घर घुसता दुशासन, किस किस की लाज बचाओगे।
abhijeetdey2871

Abhijeet Dey

New Creator