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आंखें मिली नहीं हैं दिल में बसाने चले हो जिस्म पे

आंखें मिली नहीं हैं
दिल में बसाने चले हो
जिस्म पे तुम फ़िदा हो
हमें इश्क़ सिखाने चले हो

शिकायत औरों से नहीं है
ख़ुद से हमें गिला है
देकर जीत कर भरोसा
फिर हमें हराने चले हो

आखें पढ़ो हमारी
जानो हमारी रज़ा क्या है
अभी इतने नहीं हो काबिल
हमें गिराने चले हो

अनछुआ सा दिल का कोना
कितने एहसासों से भरा है
अभी लफ़्ज़ दो लफ़्ज़ ही पढ़ा है
और हमें मिटाने चले हो.. 
© trehan abhishek











 ♥️ Challenge-715 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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आंखें मिली नहीं हैं
दिल में बसाने चले हो
जिस्म पे तुम फ़िदा हो
हमें इश्क़ सिखाने चले हो

शिकायत औरों से नहीं है
ख़ुद से हमें गिला है
देकर जीत कर भरोसा
फिर हमें हराने चले हो

आखें पढ़ो हमारी
जानो हमारी रज़ा क्या है
अभी इतने नहीं हो काबिल
हमें गिराने चले हो

अनछुआ सा दिल का कोना
कितने एहसासों से भरा है
अभी लफ़्ज़ दो लफ़्ज़ ही पढ़ा है
और हमें मिटाने चले हो.. 
© trehan abhishek











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