क्यों कुछ पल की खुशियां,दर्द को बुलावा देती है? क्यों मासूम सी ये आँखे, आँसुओ से भींग जाती है? क्यों हर रात नाउम्मीदगी का आइना दिखाती है? क्यों ये आँसू की बुँदे बाहर छलक जाती है? क्यों ये जिंदगी,हरपल इम्तिहान लेती जाती है? क्यों मेरी खुशियों को मेरी ही नजर लग जाती है? क्यों ये रातें मुझे इतना तड़पाती है? क्यों हर दिन,दिल और दिमाग में एक जंग सी छिड़ जाती है? क्यों हर रात युही मायूसी में कट जाती है? क्यों हर रात एक नया ख्वाब दिखाती है? क्यों हर दिन पिछले ख्वाब पूरा करने में निकल जाती है? क्यों हर दिन एक ही ख्वाब नही आते है? क्यों हर दिन कुछ ख्वाब अधूरे रह जाते है? #kyu#nojoto कनक लता