कुछ गलत संज्ञा दी हमने अपने इश्क़ को उन्हें अपनी पतझड़ सी ज़िन्दगी का सावन महिना मानते रहे भूल हुई हमसे,हम आपको कुछ समय का मुसाफिर मानते रहे! परख नही थीं हमेंं सच्चे मोहब्बत की,नादान थे हम उम्र भर की खुशियों को बस चंद लम्हों का ख़्वाब मानतें रहे! mistaken... #Vo_karib_aaye