.. •❁ बेचारा पुरुष ❁• ─⊱━━━━⊱⊰━━━━━⊰─ बीवी पर हाथ उठाये तो -> बेशर्म चुप रहे तो --> डरपोक घर से बाहर रहे तो --> आवारा घर में रहे तो --> घर कूकड़ा बच्चों को डाँटे तो --> ज़ालिम ना डाँटे तो --> लापरवाह माँ की माने तो --> मावडियो बीवी की माने तो --> जोरु का गुलाम बीवी को नौकरी करने से रोके तो --> शक्की बीवी को नौकरी करने दे तो --> बीवी की कमाई खाने वाला पूरी ज़िंदगी समझौता, त्याग और संघर्ष में बिताने के बावजूद वह अपने लिये कुछ नहीं चाहता. इसलिये ... हर एक पुरुष की हमेशा इज़्ज़त करें , क्योंकि ❗ हर एक पुरुष में ❗ बेटा, भाई, पति, दामाद और पिता हो सकता है, जिसका जीवन हमेशा मुश्किलों से भरा हुआ है. ♾️♾️♾️♾️ एक ही गीत में पूरी जिंदगी का सार देखिये. नयनो में सपना (उम्र 5 से 15) सपनों में सजनी (उम्र 15 से 25) सजनी पे दिल आ गया 💕 (उम्र 25 से 35) क्यूँ सजनी पे दिल आ गया. (उम्र 35 से 40) 📍 बाकी पूरी उम्र 📍 ता थैया ... ता थैया ... ओ.. (((((((()))))))) पुरुष के लिए, ❗ एक महिला की सोच ❗ पता नहीं क्यों , पुरुष के दर्द लिखते वक्त आज हृदय रोने लगा. हम पुरुष को देते क्या हैं ? जबकि बदले में ... वह सब की जरूरत पूरी करता है. मशीन बन गया है वह , हम लोगों के बीच. पूरी जिंदगी, एक मुस्कान, जो अंदर से हमारे पास है, वह भी उसे नहीं दे सकते. खोखली हंसी ही तो देते है हम उनको. और बेचारा पुरुष पत्थर पूजने नहीं जाएगा, तो क्या सारी उम्र, चकिया में पिस-पिस कर, जिंदगी स्वाहा करता रहेगा ? सुबह हो या शाम, एक ठंडी मुस्कान, .. पुरुष के लिए .. अमृत बन जाती है. ((((((((🙏)))))))) ©shivaji kushwaha tiyag #fog