My Bicycle बात है बहुत पुरानी ,सुनाऊं साइकिल की कहानी दसवीं के एग्जाम दिए, और कॉलेज की थी वारी जाऊं कैसे कॉलेजबात साइकिल पर आएगी सारी पापा थे परेशान क्योंकि, घर में चर्चा भारी सैलरी कम होने के कारण, लाने में भी परेशानी मन को मार लिया था मैंने पैदल ही चल दी रानी पापा ने सरप्राइज दिया, कॉलेज से घर जब आई आगे खड़ी थी साइकिल मेरी, एकदम सजी सजाई लाल रंग की साइकिल थी वह ,टोकरी भी लगवाई टन टन करती घंटी के संग,गली में जाकर चलाई नई सहेली जैसी लगती ,मुझको मेरी साइकिल चूम लिया पापा का माथा ,झूम गई उसे पाकर स्वीटी उसका नाम रखा ,वह हमसफ़र मेरी बन गई साइकिल के संग देखो मेरी ,कहानी है एक बन गई ©Anita Mishra #WorldBicycleDay2021 #nojotoenglish #nojotonewd